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Sunday, July 28, 2013

A samskrit composition elucidating some of the qualities of GOD

भक्तप्रिय भक्तरक्षक भक्तसिन्धु भक्तबन्धु भक्तमात्रु भक्तपित्रु भक्तभर्त्रु भक्तभ्रार्त्रु भक्तभक्त भक्ताकार भक्तॊल्लासक भक्तॊद्धारक भक्तज्नान भक्तप्राण भक्तनाद भक्तयॊग भन्क्तमित्र भक्तगुरुः भक्तवैनिक भक्तजनक 

दासाह्लाद दासकाव्य दासचक्षुर्दासानंद दासवस्तुर्दासमित्रुर्दासावस्त्य दासानाद दासशक्तिर्दासयुक्तिर्दासकीर्तिर्दासगतिः दासपुण्य दासलॊक दासॆन्द्रिय दासतत्व दासगुरुर्दासतपः 

दासगीत दासदास सर्वकालक सर्वकारक सर्वाकारक सर्वमारक सर्वसत्य सर्वदॆवक सर्वज्न सर्वप्रथम सर्वसर्व सर्वानादि सर्ववाचक सर्वस्थित सर्वॆश्वर सर्वस्वर सर्वराग सर्वनाद सर्ववस्थ्य सर्वविषिष्ट 

सर्वसुंदर सर्वशांत प्रथमप्रथम प्रथमाद्वितीय प्रथमपुरुष प्रथमस्थिथ प्रथमपितुर्प्रथमगुरुर्प्रथमबंधुर्प्रथमॆंद्रिय प्रथमसमय प्रथमाकाश प्रथमनाद प्रथमपूज्य प्रथमबंधक प्रथमाकार प्रथमवॆद प्रथमाचार्य प्रथमाधिपतिर्प्रथमनियामक प्रथमॊत्पादक प्रथमपूर्व 

ज्नानरूपक ज्नानमय ज्नानवाचक ज्नानॊदाय ज्नानदायक ज्नानपॊशक ज्नानप्रकाशक ज्नानपालक ज्नानपितुर्ज्नानपुत्रः ज्नाननॆंद्रिय ज्नानाकार ज्नानभिक्तिर्ज्नानयॊग ज्नानसमुद्र ज्नानमुद्र ज्नानस्थिथ ज्नानसुज्नान ज्नानप्रिय ज्नानाकार

-ममस्वामिन् दासॊस्मितॆऽहं 
(सुनीलानंदतीर्थ)
(inspired by the prAtaHsaMkalpa gadya of shrI guru rAghavEMdra swAmy)

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